हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों को बहुत ही खास महत्व दिया गया है. खास करके हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बहुत ही शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति कार्तिक के महीने में व्रत, पूजा और दान पुण्य करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. शरद पूर्णिमा के अगले दिन से कार्तिक मास की शुरुआत होती है. इस महीने में भगवान विष्णु की उपासना का भी खास महत्व होता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं की कार्तिक मास में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं.
- तारा भोजन– कार्तिक मास के पूरे महीने तारा भोजन का त्योहार मनाया जाता है. इस व्रत में रोजाना रात के समय तारों की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है.
- करवा चौथ– करवा चौथ का त्यौहार सभी सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत ही खास होता है. कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सभी सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं और रात में चंद्रमा की पूजा अर्चना करने के बाद उसे अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलती हैं.
- अहोई अष्टमी व्रत– कार्तिक मास की पहली अष्टमी के दिन अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है. यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं.
- गोवत्स द्वादशी– कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन गोवत्स द्वादशी का त्योहार मनाया जाता है. गोवत्स द्वादशी के दिन गाय के बछड़े की पूजा की जाती है.
- नरक चतुर्दशी एवं रूप चतुर्दशी– कार्तिक के महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नरक चौदस और रूप चौदस मनाया जाता है. इस दिन यमराज की पूजा करने और दीपदान करने से नर्क से मुक्ति मिलती हैं. इस दिन रूप चौदस का त्यौहार भी मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन कृष्ण जी की विधिवत पूजा अर्चना करने से सुंदरता में बढ़ोतरी होती है.
- गोवर्धन पूजा– कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है.
- भाई दूज– भाई दूज का त्योहार सभी बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए मनाती हैं. कार्तिक मास की द्वितीय तिथि को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है.
- गोपाष्टमी– गोपाष्टमी का त्योहार कार्तिक मास में शुक्लपक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण गाय चराने गए थे.
- आंवला नवमी– आंवला नवमी का त्यौहार कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है.
- तुलसी विवाह– हमारे शास्त्रों में कार्तिक मास में तुलसी विवाह को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. जो भी मनुष्य भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह रचाता है उसके पिछले जन्म के सभी पाप दूर हो जाते हैं. इसके अलावा कार्तिक मास में तुलसी विवाह करवाने से दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है.
- बैकुंठ चतुर्दशी– कार्तिक के महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन वैकुंठ चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है.
- कार्तिक पूर्णिमा– कार्तिक पूर्णिमा को कई लोग त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यअवतार लिया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का बहुत ही खास महत्व माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते हैं.
- गुरु नानक जयंती– कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती का त्योहार भी मनाया जाता है. इस दिन सिक्खों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव का जन्म हुआ था .
- देव प्रबोधिनी एकादशी– कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और साथ ही चातुर्मास व्रत का उद्यापन भी किया जाता है. देव प्रबोधिनी एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ फल प्रदान करने वाली होती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा पाठ, दान पुण्य और यज्ञ करने से मनुष्य को मन वांछित फलों की प्राप्ति होती है.