क्या शनि जी के कारण आया कोरोना?
इस समय कोरोना के कहर ने हिंदुस्तान को और पुरे विश्व को हिला के रख दिया है। हमारे देश में तो फिर भी स्थिति बहुत नियंत्रण में है, मगर पूरी दुनिया इस समय बेहद परेशानी के दौर से गुजर रही है, तो इन सब के कारक कौन है? क्या ये जो शनि जी का परिवर्तन हुआ है, 24 जनवरी 2020 को, तो क्या शनि जी इस के परिवर्तन के कारण आया कोरोना? हां, काफी हद तक ये माना जा सकता है कि शनि जी के परिवर्तन के कारण और जो उसमे राहू और केतु ने भी उनके कुप्रभाव को बढाया, उसके कारण ये महामारी आई। शनि जी को महामारी का भी स्वामी कहा जाता है। इसके अलावा और भी बहुत से कारण हो सकते है, जो हम पहले भी बता चुके है। देखिये शनि जी 24 जनवरी 2020 को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते है। शनि ग्रह एक बहुत बड़ा ग्रह है। ये ढाई साल के बाद एक राशि से दूसरी राशि में जाते है और एक सर्कल को पूरा करने में इन्हें 30 साल लग जाते है। यानी आज ये मकर राशि में आयें है तो फिर 30 साल के बाद ही आयेंगे। शनि जी दुखो का कारक ग्रह भी माने जाते है। जिस भी राशि में प्रवेश करते है, दुःख, परेशानी, रोग, बीमारी, डिप्रेशन पैदा करते है और इन परेशानियों की मात्रा तब और बढ़ जाती है, जब राहू, केतु भी अपना कुप्रभाव देना शुरू कर देते है। जैसा की आपने देखा होगा कि जुपिटर और केतु दोनों एक साथ रहे और शनि जी और मंगल ग्रह एक साथ रहे।
शनि जी का बहुत सारे लोंगो में उनकी लगन कुंडली के हिसाब से भी प्रभाव पड़ता है। जैसे ढईया और साढ़ेसाती। ये शनि जी का किसी राशि पर साढ़ेसात साल का प्रभाव होता है। जिस राशि पर शनि जी आते है, ढाई साल पहले, ढाई साल लगन के अंदर और ढाई साल बाद के। जिनके जन्म के समय शनि जी का प्रभाव अच्छा नहीं होता है, उनके लिए शनि देव महाविकार पैदा करते है, दुखो को बढ़ा देते है। यहाँ पर भी ऐसा ही हुआ, शनि जी के परिवर्तन से देश और दुनिया पर जो कहर आया है। ऐसा नहीं है कि ये पूरी दुनिया का विनाश कर देगा। मगर हां, कुछ लोगो का जिनके राशि में शनि जी अच्छे नहीं है, हो सकता है वो किसी न किसी वजह से कोरोना पॉजिटिव निकल आयें या उनके ऊपर कोई और समस्या आ जाये, क्योकि ये ढाई साल का समय थोडा तंग करने वाला है। कालपुरुष के कुंडली के अनुसार शनि जी अस्टम स्थान के सिग्निफिकेटर भी है और अस्टम स्थान मृत्यु का स्थान होता है, जिसके कारण महामारी का आना, कष्टो का आना, अर्थात जिसने पिछले जन्म में जैसे कर्म किये है, उनको वैसे कर्मो का फल देते है।
शनि देव जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करें उपाय?
इस समय शनि जी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरिका है कि शनि जी की उपासना की जाये। शनि जी अपनी उपासना से बहुत प्रसन्न होते है। और ध्यान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते है। देखिये शनि देव क्या है? अँधेरे के स्वामी है, तो अन्धकार को दूर करने के लिए आंखे बंद कीजिये और जिस भी ईस्ट देव या गुरु देव को आप मानते है, उनका ध्यान कीजिये।
- आप शनि जी को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा, शनि कवच या शनि मंत्रो का भी उच्चारण कर सकते है। जैसे – “ॐ शं शनैश्चराय नमः”।
“ॐ ऐं ह्लीं श्रीं शनैश्चराय नम:”।
- शनि जी को बल भगवान् शिव से मिला है। मृत्युंजय कौन है? भगवान् शिव जी है, तो आप महामृत्युंजय मंत्र का भी उच्चारण कर सकते है। महामृत्युंजय मंत्र है –
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
- शनि जी हनुमान जी की उपासना से भी प्रसन्न होते है, तो आप हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या हनुमान जी के भी मंत्रो का उच्चारण आप कर सकते है। यदि आपको पढने में दिक्कत हो तो आप ऑडियो से भी सुन सकते है और ध्यान लगा सकते है।
- यदि आप मंत्र उच्चारण नहीं करना चाहते तो आप ध्यान साधना करने के लिए योग भी कर सकते है। जैसे प्राणायाम, डीप ब्रिथिंग या कोई और एक्सरसाइज भी आप कर सकते है।
दोस्तो, हम ये नहीं कहते कि मंत्रो के उच्चारण से कोरोना दूर हो जायेगा, लेकिन कर्म तो करने पड़ते है। आपको अपना ध्यान भी रखना है। सोशल डिस्टेंसिंग भी मेन्टेन करनी होगी। मास्क भी पहनना जरुरी है, जैसे चश्मा लगाने से विज़न ठीक नहीं होता, पर हां, विजिबिलिटी ठीक हो जाती है। जैसे छतरी लेने से बरसात नहीं रूकती, लेकिन हम भीगने से बच जाते है, उसी तरह इन मंत्रो के उच्चारण से किसी भी समस्या से, किसी दुर्घटना से बचा जा सकता है। आप इन मंत्रो का उच्चारण कहीं भी बैठकर जैसे सोफे पर, जमीन पर और पूर्व दिशा में मुह करके कर सकते है। यदि आपकी सेहत ठीक नहीं है तो लेटे हुए भी मानसिक जप कर सकते है। जब भी हम भगवान् का नाम जपते है, तो इससे हमारे दुखो में कमी आती है। कस्ट दूर होते है और इससे आपके जीवन में पॉजिटिविटी आएगी और डिप्रेशन भी कम होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जी का ये जो 24 जनवरी 2020 को परिवर्तन हुआ है और इसने तीन महीने पहले से यानि 24 ओक्टुबर से ही अपने प्रभाव देने शुरू कर दिए थे। तो दोस्तो ये प्रभाव लम्बा रहने वाला नहीं है। इसका बहुत ज्यादा प्रभाव आप 15 सितम्बर 2020 तक देखेंगे और 15 सितम्बर 2020 के बाद हिन्दुस्तान के अंदर काफी चीजें कण्ट्रोल में आ जायेंगी, तब तक शांति बनाये रखने की जरुरत है। यक़ीनन हम इस परिस्थिति से बाहर आयेंगे, तो आप शनि जी की उपासना कीजिये या जिस भी भगवान् को आप मानते है, उनका ध्यान कीजिये, क्योकि आप तो जानते है कि बीमारी का किसी धर्म से कोई लेना – देना नहीं होता। इस समय खुद को प्रोत्साहित करने और हिम्मत बनाये रखने की जरुरत है।
घर में रहिये ! सुरक्षित रहिये !