• भारत देश को व्रत और त्योहारों का देश माना जाता है. यहां पर हर मौसम में अलग अलग व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं.
• हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले ज्यादातर त्यौहार मौसम सेहत और संबंधों पर आधारित होते हैं.
• व्रत और त्योहारों के पीछे मनोवैज्ञानिक सोच के साथ साथ विज्ञान भी होता है.
• हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहार संबंध और रिश्तो पर भी आधारित होते हैं. जैसे- रक्षाबंधन भाई और बहन का त्यौहार होता है. भाई दूज का त्यौहार भी भाई बहन एक दूसरे के लिए मनाते हैं. वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का त्यौहार होता है. संतान सप्तमी के व्रत में एक मां अपने बच्चे के लिए व्रत रखती है.
• इसी प्रकार कुछ व्रत और त्योहार पति और पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने और रिश्तो को मजबूत बनाने के लिए भी किए जाते हैं.
आज हम आपको पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने और रिश्तो को मजबूत बनाने वाले कुछ ऐसे ही व्रत और त्योहारों के बारे में बताने जा रहे हैं.
करवा चौथ
1. करवा चौथ का व्रत सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं.
2. करवा चौथ का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है.
3. करवा चौथ के व्रत को लेकर बहुत सारी किद्वन्तियाँ मशहूर है.
4. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के बारे में भोलेनाथ ने माता पार्वती को बताया था.
5. करवा चौथ का व्रत करने से पत्नियां अपने पति की रक्षा और हर आने वाली परेशानियों से उसे बचा सकती हैं. करवा चौथ के व्रत को द्रौपदी ने अपने पति अर्जुन के लिए किया था.
6. जब अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए थे. तब द्रौपदी ने उनकी रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था. तब से करवा चौथ का व्रत करने की परंपरा चली आ रही है.
7. सभी पत्नियां अपने पति की रक्षा और लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.
हरतालिका तीज
1. हरतालिका तीज का व्रत सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र के दिन मनाया जाता है.
2. यह व्रत बहुत ही कठिन होता है. इस व्रत में 24 घंटो तक निर्जला व्रत किया जाता है.
3. इस दिन सभी कुमारी और शादीशुदा महिलाएं शिव और पार्वती की पूजा करती हैं.
4. ऐसा माना जाता है कि जो भी कुंवारी कन्या हरतालिका तीज के व्रत को करती है उन्हें अच्छा वर मिलता है और जो भी शादीशुदा महिला हरतालिका तीज का व्रत करती है तो उसके पति की उम्र लंबी हो जाती है.
5. हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है.
6. माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए एक सौ सात जन्म लिए थे. अंत में माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके अपने 108 में जन्म पर शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. तभी से हरतालिका तीज की व्रत की प्रथा चली आ रही है.
7. इस व्रत को करने से माता पार्वती प्रसन्न होकर पति के दीर्घायु होने का वरदान देती है.
8. जो भी महिला पुरे सच्चे मन और श्रद्धा के साथ हरतालिका तीज का व्रत करती है उसके पति के ऊपर कभी भी कोई संकट नहीं आता है और उसे लम्बी उम्र की प्राप्ति होती है.
वट सावित्री
1. वट सावित्री का व्रत हर साल की जेष्ठ अमावस्या के दिन मनाया जाता है.
2. इस व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. वट सावित्री के व्रत में सभी महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करके 11 या 21 फेरियां लगाती हैं.
3. ऐसा कहा जाता है की वट सावित्री के दिन सावित्री ने यमराज को अपने पति के प्राणो को वापस करने के लिए मजबूर कर दिया था. इसीलिए इस व्रत को करके सभी महिलाएं सत्यवान सावित्री की कथा पूरी श्रद्धा के साथ सुनती है.
4. इस दिन व्रत रखकर जो भी महिला बरगद के पेड़ की पूजा करके सत्यवान सावित्री की कथा सुनती है उसे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.
5. इस व्रत को सभी महिलाएं चाहे वह कुमारी, विवाहिता, विधवा, कुपुत्रा, सुपुत्रा आदि सभी कर सकते हैं.
6. वट सावित्री का व्रत सभी महिलाएं अखंड सौभाग्य और मंगल कामना पाने के लिए करते हैं.
7. हमारे धर्म पुराणों में बताया गया है कि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों का निवास होता है.
8. ऐसा माना जाता है कि वट सावित्री का व्रत करने से पति की अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है.
9. अर्थात बरगद का पेड़ आपकी हर मनोकामना को पूरी करने की क्षमता रखता है.
10. दार्शनिक दृष्टि से देखा जाए तो बरगद का पेड़ दीर्घायु और अमृत्व का प्रतीक होता है.
11. धर्म पुराणों में बताया गया है कि बरगद के पेड़ की पूजा करने से इंसान को लंबी आयु, सुख समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है|
12. बरगद के पेड़ की पूजा करने से आपके जीवन के सभी क्लेश कलह और संताप दूर हो जाएंगे.
मंगला गौरी
1. मंगला गौरी व्रत श्रावण के महीने में हर मंगलवार के दिन मनाया जाता है.
2. इस व्रत को मंगला गौरी यानी पार्वती जी के नाम से जाना जाता है.
3. धर्म पुराणों में बताया गया है कि मंगला गौरी व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है. इसलिए माता मंगला गौरी की पूजा करके मंगला गौरी की कथा सुनना बहुत ही फलदायक होता है.
4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन महिलाओं या कुमारी कन्याओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कमी का दोष होता है या शादी के बाद पति से मनमुटाव लिया तलाक हो जाने जैसा अशुभ योग बनता है तो उन महिलाओं को मंगला गौरी का व्रत खास रूप से करना चाहिए.
5. ऐसी महिलाओं को सोलह सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी व्रत जरूर करना चाहिए.
6. ऐसा करने से उनकी कुंडली में मौजूद सभी दोष दूर हो जाएंगे और उनका शादीशुदा जीवन सुखमय व्यतीत होगा. मंगला गौरी का व्रत करने से शादीशुदा जीवन के सभी दोष दूर हो जाते हैं और पति पत्नी के बीच अटूट प्रेम बना रहता है.
7. यह व्रत प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक होता है.
8. जो भी महिला अपने शादीशुदा जीवन को खुशहाल बनाना चाहती है उसे मंगला गौरी का व्रत पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करना चाहिए.