जानिए कैसे करें श्री यंत्र की साधना

यह बात सभी जानते हैं कि तिरुपति बालाजी और नाथद्वारा मंदिरों की नींव में श्री यंत्र की स्थापना की गई है. जिसकी वजह से वहां पर नियमित रूप से करोड़ों रुपए चढ़ावे के रूप में आते हैं. श्री यंत्र की स्थापना करने के कारण इन जगहों पर मां लक्ष्मी साक्षात निवास करती हैं. शास्त्रों के …

मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें श्री यंत्र की पूजा

हमारे धर्म पुराणों में मां लक्ष्मी और उनका प्रतीक माने जाने वाले श्री यंत्र की महिमा का वर्णन किया गया है.  मान्यताओं के अनुसार  श्री यंत्र को घर के पूजा गृह, तिजोरी में रख कर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य को धन-धान्य और सुख समृद्धि की …

समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करता है श्री यंत्र

किसी भी मनुष्य के पिछले जन्म में किए गए पाप कर्म के अनुसार उसकी कुंडली में केमद्रुम योग, हृद योग, काक योग, दरिद्र योग, हुताशन योग, रेका योग, शकट योग, ऋण योग, मृत्यु योग, दुयोग, मृति योग, निर्भाग्य  योग आते हैं. यह सभी योग मनुष्य के जीवन में संकटों का कारण बनते हैं. कुंडली के …

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग और उनकी महिमा

शिव पुराण में बताया गया है कि आशुतोष और भूत भावन माने जाने वाले भगवान भोलेनाथ प्राणियों का कल्याण करने के लिए धरती पर लिंग के रूप में निवास करते हैं. जिस पुण्य स्थान पर भक्तजनों ने श्रद्धा पूर्वक भोलेनाथ की पूजा अर्चना की भगवान शिव वहां पर सदैव के लिए ज्योतिर्लिंग के रूप में …

गोमती चक्र

गोमती चक्र एक सफ़ेद समुद्री तत्व की वास्तु है| जो समुद्र मंथन के दौरान उत्तपन हुई थी| ऐसी मान्यता है क्यूंकि यह समुद्र मंथन के दौरान ही उत्पन हुई थी इसलिए यह उन् वस्तुओं में से एक है जो माँ लक्ष्मी की प्रिये वस्तुओं में से हैं| यह एक सफ़ेद रंग का टुकड़ा है जिसका …

जानिए क्या है कलाई पर मौली बांधने का महत्व

हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ या मांगलिक कार्य होने पर या भगवान की आराधना के साथ साथ सभी शुभ कार्यों में हाथों की कलाई पर लाल रंग का धागा जिसे मौली कहा जाता है बांधने की परंपरा है, पर क्या आपको पता है कि हाथों पर मौली या कलावा क्यों बांधा …

राशि अनुसार नक्षत्र क्रम और नामाक्षर

राशियों के नाम : –भचक्र पर बारह राशियाँ होती हैं जो इस प्रकार से हैं :- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि। राशियों के स्वामी ग्रह: – मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है. वृष व तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है. मिथुन व कन्या …

जानिए पंचांग क्या है..?

वैसे तो पंचांग का अर्थ पाँच अंगों से हैं – जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण आते हैं लेकिन पांच बातों के अलावा अन्य बहुत सी बातें हैं जो पंचांग के अन्तर्गत आती हैं। जैसे समय-समय पर आकाशीय अथवा खगोलीय बातों की गणना का जो पूरा ब्यौरा देता है वो भी पंचांग के अन्तर्गत …

What is the purpose of conveying respect through Charan Sparsh?

Charansparsh is a tradition of Hindus followed from time immemorial to show respect and sought blessings from the elders. The word charan means feet and sparsh is to touch. Together it can be derived to touch one’s feet. In the Atharva-Veda, elders are held in high esteem and they are believed to bless them who …