जानिए क्या है गुरु चांडाल योग और इसके प्रभाव!

जानिए क्या है गुरु चांडाल योग और इसके प्रभाव !

जब किसी राशि में गुर के साथ राहू आ जाते हैं, तो एक अशुभ योग बनता है, जिसे गुरु चंडाल योग कहते है। लेकिन कुछ अन्य ज्योतिषियों की माने तो जब गुरु के साथ केतु आ जाते है, तो भी गुरु चांडाल योग बनता है। जैसे की अभी कुछ समय पहले आपने देखा ही होगा कि  5 नवम्बर 2019 को गुरु अपनी राशि परिवर्तित करके धनु राशि में आये, जहाँ केतु पहले से ही स्थित थे, जिससे गुरु और केतु के मिलने से गुरु चंडाल योग बना और इसी दौरान 24 जनवरी 2020 को शनिदेव ने भी अपनी राशि परिवर्तित की, और तब दुनिया में एक भय का वातावरण बना, जो कोरोना के कहर के रूप में हम सभी के सामने है।

अभी तक हमने जाना देश और दुनिया पर ऐसे योग का क्या प्रभाव पड़ता है, क्या ऐसे योग किसी व्यक्ति की भी राशि में बनते है ? आइये जानते है कि जब गुरु चंडाल योग किसी व्यक्ति की राशि में बनता है तो उसका उसपर क्या प्रभाव पड़ता है।

ज्योतिष के अनुसार बहुत सारे लोगो की कुंडलियो में गुरु और राहू का योग बनता है, जिसे हम गुरु चंडाल योग कहते हैं। दोस्तों क्या ये सचमुच जानने की बात है ? क्या इससे हमें भयभीत होना चाहिए? आइये जानते है कि गुरु क्या हैं, गुरु देवतावों के गुरु हैं और राहू राक्षस है, तो आपको अपनी कुंडली में ये देखना है कि गुरु किस राशि में बैठे हुए है और राहू उसमे उच्च के है या नीच में पड़े हुए है और किस राशि में बैठकर वो गुरु चांडाल योग बना रहे है।

कुछ लोगो का मानना है कि जिनकी कुंडली में गुरु और राहू वाला योग है अर्थात गुरु चांडाल योग है वह अपने जीवन में भी चांडाल प्रवृति का होता है। ऐसा मानना कदाचित सही नहीं है। यदि किसी ने आपको कहा है कि आपकी कुंडली में गुरु चंडाल योग की वजह से आपकी प्रवृति भी उसी तरह की होगी तो ऐसा बिलकुल भी नहीं होता है।

गुरु चंडाल योग से हमारे शारीर पर पड़ने वाले प्रभाव :-

वैसे तो गुरु चांडाल योग का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है, लेकिन आइये जानते है कि इसका हमारे शारीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। गुरु का हमारे पेट पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जब कभी भी गुरु और राहू एक साथ बैठते है तो ये हमारे पेट में विकार पैदा कर देते है। गुरु और राहू नाक के भी स्वामी होते है, गुरु अर्थात हवा, तो कहीं न कहीं ऐसे योग साँस लेने में भी दिक्कत देने लगते है। गुरु चांडाल योग से कुछ लोगो को साँस सम्बन्धी परेशानिया होने लगती है, तो कुछ लोगो को आँख, नाक, गले से भी सम्बंधित परेशानी होने लगती है, यदि आपकी कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता भी है तो, वह कितना प्रभावशाली होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह योग किस घर में बन रहा है। मान लीजिये गुरु कुंडली में अस्टम स्थान में जाकर के बैठे हुए है, तो गुरु कुंडली में शुभ ग्रह नहीं माने जायेगे और कुंडली में राहू या केतु का स्थान भी सही नहीं है, तो यह कुंडली में शुभ संकेत नहीं होता है तो ऐसे में आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेना चाहिए। वो कहते है ना कि जहाँ चाह है, वहां राह है

यदि समस्या है तो उसका कोई न कोई समाधान भी जरुर होगा। गुरु चांडाल योग, गुरु और राहू के योग से बनता है। इसबात से बिलकुल भी मुह नहीं मोड़ा जा सकता, लेकिन वो सभी के लिए भयानक हो सकता है ऐसा कहना सही नहीं है।

ऐसे योग किस-किस तरह की समस्या बना सकते है, ये हमने आपको इस ब्लॉग में बताया है। इससे श्वसन सम्बन्धी, अस्थमा, आंख, नाक, गले से सम्बंधित समस्याएँ हो सकती है और ये सभी अपने आप में तंग करने वाली समस्याएँ है, जैसे की थोडा सा भी मौसम बदला और प्रॉब्लम होना शुरू हो जाती है, बाहर का खाना  खाया तो आपका स्वास्थ्य ख़राब हो लगता है, तो ऐसा गुरु चंडाल योग से होता है। यदि आपकी कुंडली में ऐसा है तो इसके लिए आपको किसी ज्योतिषी से सलाह जरुर लेनी चाहिए और उनके द्वारा बताये गए उपायों को मानना चाहिए।

हमारा प्रयास है कि हम आपके लिए इसी तरह जानकारीयां लाते रहें, जिससे आपको लाभ मिलता रहे।

घर पर रहें, सुरक्षित रहें

 

 

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